रायपुर. राजधानी से लगे उरला के कन्हेरा गांव में मवेशियों की मौत का कारण जानने कांग्रेस की जांच समिति आज घटना स्थल पहुंची. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू की अध्यक्षता में जांच समिति के सदस्यों ने घटना स्थल का जायजा लिया. जांच समिति के संयोजक पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने दूषित पशुआहार खाने से गायों की मृत्यु होने की आशंका जताई है. ग्रामीणों ने कांग्रेस की टीम को बताया कि रायपुर और बिरगांव नगर निगम का कचरा रात को लाकर गांव में डंप किया जाता है, जो जलस्रोतों को लगातार दूषित कर रहे हैं. इससे मवेशी और ग्रामीण बीमार पड़ रहे. दरअसल आधे दर्जन मवेशियों की मौत का कारण गांव के आसपास फैक्ट्री के डंप किए गए वेस्ट को माना जा रहा है. न सिर्फ फैक्ट्री बल्कि बिरगांव और रायपुर नगर निगम का भी वेस्ट इसी गांव के आसपास के इलाकों में रात के अंधेरे में फेंक दिया जाता है. ऐसे ही खराब हो चुके भूसे की कुछ बोरियों को फेंका गया, जिसे मवेशियों ने खाया. इसी दूषित भूसे और दूषित पानी पीने से मवेशियों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है. जांच समिति के पहुंचने से पहले ही मवेशियों को उसी स्थान में दफना दिया गया था. साथ ही जिस भूसे को मवेशियों ने खाया था उसे भी जमीदोज कर दिया गया था. जांच समिति के संयोजक पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि गांव में खराब भूसा लाकर फेंका गया था, जिसे खाकर मवेशियों की मौत हुई है. उन्होंने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि अधिकारियों और प्रशासन की लापरवाही से घटना घटी है, जिसका कड़ा विरोध कांग्रेस पार्टी कर रही है. कांग्रेस सरकार ने यही देखकर पशु संरक्षण के लिए गौठान खोले थे, जिसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया. उनके दाना चारा, पानी की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने मवेशियों के संरक्षण को सरकार के नियंत्रण से बाहर बताया है और गौठान का संचालन पुनः शुरू करने की मांग की है. वही पूर्व सांसद छाया वर्मा ने फैक्ट्री का संचालक रोकने और उचित जांच कर मामले में कार्रवाई की मांग की है.
मवेशियों की मौत का मामला : कांग्रेस की जांच टीम पहुंची गांव, ग्रामीणों ने बताया – रात में डंप हो रहा रायपुर और बिरगांव का कचरा
