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पीएम आवास योजना को अधिकारी-कर्मचारी लगा रहे पलीता, अपात्र को दिया योजना का लाभ, पात्र हितग्राही लगा रहा कार्यालयों के चक्कर

महासमुंद। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का आवास का सपना सच करने एवं सभी के पास अपना आवास हो इस उद्देश्य से शुरु की गई प्रधानमंत्री आवास योजना में भी अधिकारी-कर्मचारी गड़बड़झाला करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही मामला महासमुंद जिले में सामने आया है. एक हितग्राही के नाम 8 वर्ष पहले आवास स्वीकृत हुआ था, लेकिन शासकीय कर्मचारी उसे आवास देने के बजाय उसी नाम के दूसरे व्यक्ति को आवास का लाभ दे दिए, जिसके नाम आवास स्वीकृत ही नहीं था, और आवास बनकर तैयार हो गया. उसके बाद शासकीय सभी रिकार्ड में आवास योजना का लाभ देना दर्शा दिया गया. जब जिसके नाम आवास स्वीकृत था, उसे पता चला तो वह अब शासकीय कार्यालय से लेकर पीएमओ पीजी तक शिकायत कर इंसाफ की गुहार लगा रहा है, वहीं जिम्मेदार आला अधिकारी कार्रवाई का रटारटाया राग अलाप रहे हैं. दरअसल, शत्रुहन साहू पिता अभेयराम साहू पहले ग्राम बंजारी पंचायत लोहारडीह मे रहता था, और किराना दुकान संचालित करता था. कुछ समय बाद शत्रुहन साहू कमाने के लिए बाहर चला गया और जब कुछ दिन बाद वापस आया तो ग्राम बिरकोनी में रहने लगा. वर्ष 2024-25 मे शत्रुहन साहू ने अपने पत्नी राज कुमारी साहू के नाम प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया तो उसे चौंकाने वाली बात पता चली. शत्रुहन को बताया गया कि उसके नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत है, इसलिए दोबारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दोबारा नहीं मिल सकता. इस पर शत्रुहन साहू ने सारी जानकारी निकाली तो पता चला कि जब वो ग्राम बंजारी में था, तब वर्ष 2016 में सर्वे हुआ था. SECC सूची 2011के आधार पर पात्र पाये जाने पर वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था. लेकिन उसका लाभ उसे न देकर ग्राम बंजारी के ही शत्रुहन केंवट पिता बिसहत को दे दिया गया.

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