बीजापुर। जिले में गंगालूर से मिरतुर तक बन रही सड़क में भारी भ्रष्टाचार की परतें अब खुलने लगी हैं। इस निर्माण कार्य में अनियमितताओं के चलते पुलिस ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के दो सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता (EE), एक वर्तमान EE, एक SDO और एक सब-इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया है। जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। बता दें कि यह कार्रवाई पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की चल रही विशेष जांच (SIT) के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर की गई है। सभी आरोपियों को दो दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है। गौरतलब है कि मुकेश चंद्राकर ने गंगालूर-मिरतुर सड़क निर्माण में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया था। इसी वजह से उनकी हत्या की गई थी। 1 जनवरी की रात से लापता रहे मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को चट्टनपारा बस्ती में रिश्तेदार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के मजदुरों के लिए बनाए गए बाड़े के सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था। इस मामले में उनके सुरेश चंद्राकर और उनके दो भाई रितेश और दिनेश चंद्राकर सहित सुपरवाइज़र महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। सुरेश को पुलिस ने हैदराबाद से पकड़ा था। इसके बाद जब SIT ने हत्याकांड से जुड़े मामलों की पड़ताल शुरू की, तो सड़क निर्माण से जुड़े बड़े भ्रष्टाचार के सुराग मिले। जांच में साफ हुआ कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण किया गया था।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में बड़ी कार्रवाई, पुलिस ने PWD विभाग के 5 अफसरों को किया गिरफ्तार
