बिलासपुर। सीबीआई के स्पेशल कोर्ट द्वारा पीएफ राशि निकालने में रिश्वतखोरी के आरोप पर दी गई सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता एसईसीएल कर्मियों को सशर्त जमानत भी दी है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर होने की स्थिति में याचिकाकर्ताओं को उपस्थित होना पड़ेगा. प्रकरण के अनुसार, शिकायतकर्ता कर्मचारी ने अपनी सीएमपीएफ राशि जारी करने के लिए अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ कार्मिक प्रबंधक, एसईसीएल सुराकछार कोलियरी को आवेदन प्रस्तुत किया था. उन्होंने संबंधित कर्मचारी से संपर्क किया तो उनके आवेदन पर कार्रवाई करने के लिए 10,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई. शिकायतकर्ता ने राशि देने में असमर्थता जताते हुए आरोपी उमेश यादव और नित्यानन्द को रिश्वत के रूप में 2,000 रुपए देने पर सहमति व्यक्त की.
हाईकोर्ट ने रद्द की सीबीआई स्पेशल कोर्ट की सजा, पीएफ निकालने रिश्वतखोरी का था आरोप
