तखतपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में आदिवासी किसान के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां किसान हितैशी सरकार के नुमाइंदे आदिवासी किसान को सालों से चुना लगा रहे हैं. किसान के पर्ची पर लाखों रुपये का धान बेचकर वे मलाई खा रहे थे और किसान को इसका पता भी नहीं था. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आदिवासी किसान धान बेचने के लिए टोकन कटाने इस साल धान खरीदी केंद्र पहुंचा, जहां उसे पता चला कि 5 से 6 सालों से उसके पर्ची से धान बेचा जा रहा था. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि उसके पर्ची से पिछले 5 सालों से धान की हेराफेरी की जा रही थी. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए किसान ने कलेक्टर से अपनी फरियाद लगाई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.बता दें कि इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार धान बिक्री को लेकर बड़े-बड़े फैसले ले रही है ताकि किसी भी किसान के साथ अन्याय न हो. लेकिन शातिर और जालसाजों ने आदिवासी किसानों को अपना शिकार बना लिया और उसके पर्ची पर धान बेच रहे थे. हालांकि इस शिकायत में किसान ने यह भी दर्ज किया है कि बेचे गए धान की वसूली कराकर शासन के खाते में पैसा जमा कराया जाए.
अन्नदाता से धोखा : आदिवासी किसान की पर्ची से 5 सालों में बेचे गए लाखों रुपये के धान
