रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2161 करोड़ के शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्पेशल कोर्ट में 3,841 पन्नों का चालान पेश किया है, जिसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 अन्य को आरोपी बनाया गया है।अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी। बता दें कि रायपुर जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर के आवेदन पर कोर्ट ने डिस्टलरियों को भी आरोपित बनाया है। इन आरोपियों में अनवर ढेबर, पूर्व IAS अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवेरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य 21 लोगों के नाम शामिल हैं। कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में ED ने बताया है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले की जानकारी थी और आबकारी नीति बदलने में भी उनकी अहम भूमिका रही। इस मामले से जुड़ी छत्तीसगढ़ डिस्टलरी को 48%, भाटिया वाइन मर्चेंट को 28% और वेलकम डिस्टलरी को 24% दुकानों में शराब आपूर्ति का काम दिया गया था। इस घोटाले से अर्जित अवैध वसूली से लखमा को 1.50 करोड़ रुपए प्रति माह मिलते थे। आरोप है कि कवासी लखमा दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने के एवज में 50 लाख रुपए तक की राशि वसूलते थे। यह राशि सिंडिकेट से जुड़े लोगों द्वारा विभिन्न माध्यमों से पहुंचाई जाती थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तीन साल तक यह सिलसिला चला। 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी के 7 दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ED ने 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी।
पूर्व आबकारी मंत्री लखमा के खिलाफ ED ने स्पेशल कोर्ट में 3841 पन्नों की चार्जशीट की दाखिल, ढेबर, टूटेजा, ढिल्लन, भाटिया, सिंघानिया सहित 21 बनाए गए आरोपी
