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बजट अनुदान मांग पर चर्चा : नेता प्रतिपक्ष महंत बोले, ‘सरकार की गलतियां उजागर करना हमारा कर्तव्य’

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विभागों के बजट अनुदान मांग पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने बेरोजगारी, बिजली संकट, खनिज उत्पादन में गिरावट, शराब नीति, परिवहन में दलाली और बजट का सही उपयोग न होने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया। नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि विपक्ष में रहकर सरकार की गलतियों को उजागर करना हमारा कर्तव्य है। हम सरकार के दुश्मन नहीं बल्कि शुभचिंतक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में कम और कक्ष में ज्यादा समय बिताते हैं। जब वे विधानसभा में होते हैं तो विधायक उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही नरेंद्र मोदी पर चर्चा शुरू हो जाती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इन्हें समझाइए कि यह सांय सांय सरकार है। विधायक आप तक सीमित रहे। चरणदास महंत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत एक लाख पदों पर भर्ती का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। पिछले वित्तीय वर्ष में आर्थिक सलाहकार परिषद बनाने और दिव्यांगों की बैकलॉग भर्ती की घोषणा की गई थी, जो अब तक अधूरी है। मुख्य सूचना आयुक्त के पद की भर्ती भी अटकी हुई है। महंत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में खनिज उत्पादन 25 लाख 693 मीट्रिक टन था, लेकिन अब इसमें 15% की कमी आ गई है। सवाल उठता है कि आखिर यह गिरावट क्यों आई? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य है, फिर भी बिजली कटौती जारी है। रायपुर और रायगढ़ में ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जो पहले नहीं होती थीं। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 67 नई शराब दुकानों को खोलने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद के विरुद्ध है। यह राज्य को किस दिशा में ले जाएगा? उन्होंने परिवहन विभाग में दलालों की बढ़ती संख्या पर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार ने दलालों पर 75% तक रोक लगाई थी, लेकिन अब फिर से लोग दलालों की चपेट में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग वेबसाइट अपडेट नहीं कर रहा है, जिससे जनता को सही जानकारी नहीं मिल पा रही। दिसंबर तक केवल 77 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं, जबकि हेलिकॉप्टर भुगतान में जरूरत से ज्यादा राशि दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जितनी राशि में नया हेलिकॉप्टर खरीदा जा सकता है, उतनी राशि पुराने हेलिकॉप्टर के रखरखाव में खर्च की जा रही है।

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