गरियाबंद। जिले के 13 वन ग्राम राजस्व ग्राम में तब्दील होंगे. यह दस मांगों में से एक था, जिनको लेकर जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और लोकेश्वरी नेताम की अगुवाई में आदिवासी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. लगभग 60 घंटे तक चले भूख हड़ताल के बाद प्रशासन ने 10 में से 6 मांगों पर सहमति जताई, जिसके बाद एसडीएम ने जिला पंचायत सदस्यों की जूस पिलाकर भूख हड़ताल को समाप्त करवाया. मैंनपुर में मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और लोकेश्वरी नेताम की बिगड़ती तबीयत देखकर आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर भगवान उईसे से मुलाकात कर मांगों पर विचार करने का आग्रह किया था. बुधवार सुबह 8 बजे से जारी इस हड़ताल को खत्म करने एसडीएम पंकज डाहिरे ने शुक्रवार की रात 9 बजे मंच पर पहुंच 10 में से 6 मांगों पर बनी सहमति को सार्वजनिक किया, इसके बाद जिला पंचायत सदस्यों और समर्थन में बैठे 10 अन्य लोगों ने भूख हड़ताल खत्म करने पर सहमत हुए. प्रमुख मांग में अमलीपदर सुख तेल नदी में आवाजाही की समस्या को बहाल करना था. इस नाले पर 7 करोड़ लागत से पिछले पांच सालों से पुल निर्माण किया जा रहा है, लेकिन काम पूरा नहीं होने के कारण बरसात में आवाजाही की दिक्कत होती थी. एसडीएम ने बताया कि जिला प्रशासन अपने किसी भी मद से इस बार यहां रपटा का निर्माण कराएगी. कलेक्टर भगवान यूईके ने इसकी मंजूरी दे दिया है. इसके साथ ही निर्माण दोबारा शुरू करने री टेंडरिंग की प्रकिया में गति लाने कहा गया है. साथ ही शुक्ला नाला में रपटा निर्माण होगा, अड़गडी और जरहिडीह पुल में जल्द निर्माण शुरू करने संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है.
गरियाबंद जिले के 13 वन ग्राम राजस्व ग्राम में होंगे तब्दील, भूख हड़ताल पर बैठे जिपं सदस्यों की 10 में से 6 मांगों पर प्रशासन ने जताई सहमति
